% meer05.s isongs output
\stitle{faqiraana aae sadaa kar chale}
\lyrics{Meer Taqi Meer}
\singers{Meer Taqi Meer}
फ़क़िरान आए सदा कर चले
मियाँ ख़ुश रहो हम दुआ कर चले
जो तुझ बिन न जीने को कहते थे हम
सो इस अह्द को अब वफ़ा कर चले
कोई ना-उम्मीदान करते निगाह
सो तुम हम से मूँह भी छिपा कर चले
बहोत आरज़ू थी गली की तेरी
सो याँ से लहु में नहा कर चले
दिखाई दिये यूँ कि बेख़ुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले
जबीं सजदा करते ही करते गैइ
हक़-ए-बंदगी हम अदा कर चले
परस्तिश की याँ तैइन कि अयेइ बुत तुझे
नज़र में सबों की ख़ुदा कर चले
गैइ उम्र दर बंद-ए-फ़िक्र-ए-ग़ज़ल
सो इस फ़न को ऐसस बड़ा कर चले
कहें क्या जो पूछे कोई हम से "ंएएर"
जहाँ में तुम आये थे, क्या कर चले