% meer09.s isongs output
\stitle{dekh to dil ki jaa.N se uThataa hai}
\lyrics{Meer Taqi Meer}
\singers{Meer Taqi Meer}
देख तो दिल कि जाँ से उठता है
ये धुआँ सा कहाँ से उठता है
गोर किस दिल-जले की है ये फ़लक
शोला इक सुबह याँ से उठता है
%[gor = grave/tomb]
ख़ान-ए-दिल से ज़िंहार न जा
कोई ऐसे मकाँ से उठता है
नाला सर खेंचता है जब मेरा
शोर एक आस्माँ से उठता है
लड़ती है उस की चश्म-ए-शोख़ जहाँ
एक आशोब वाँ से उठता है
सुध ले घर की भी शोल-ए-आवाज़
दूद कुछ आशियाँ से उठता है
बैठने कौन दे है फिर उस को
जो तेरे आस्ताँ से उठता है
यूँ उठे आह उस गली से हम
जैसे कोई जहाँ से उठता है
इश्क़ इक 'ंएएर' भारी पथ्थर है
बोझ कब नातवाँ से उठता है
%[naatavaa.N = weak]