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% meer17.s isongs output
\stitle{jiite-jii kuuchaa-e-dildaar se jaayaa na gayaa}
\lyrics{Meer Taqi Meer}
\singers{Meer Taqi Meer}



जीते-जी कूचा-ए-दिळार से जाया न गया
उस की दीवार का सर से मेरे साया न गया

दिल के ताईं आतिश-ए-हिज्राँ से बचाया न गया
घर जला सामने पर हम से बुझाया न गया

क्या तुनक हौसला थे दीदा-ओ-दिल अपने आह
एक दम राज़ मोहब्बत का छुपाया न गया

दिल जो दीदार का क़ाएल की बहोत भूका था
इस सितम-कुश्ता से यक ज़ख़्म भी खाया न गया

%[sitam-kushtaa = oppressed/tortured]

शहर-ए-दिल आह अजब जाए थी पर उस्के गये
ऐसा उजड़ा कि किसी तरह बसाया न गया

%[jaae = place]