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% meer20.s isongs output
\stitle{kaabe me.n jaa.N_balab the ham duurii-e-butaa.N se}
\lyrics{Meer Taqi Meer}
\singers{Meer Taqi Meer}



काबे में जाँ_बलब थे हम दूरी-ए-बुताँ से
आए हैं फिर के यारों अब के ख़ुदा के याँ से

जब कौंधती है बिजली तब जानिब-ए-गुलिस्ताँ
रखती है छेड़ मेरे ख़ाशाक-ए-आशियाँ से

क्या ख़ूबी उस के मूँह की अए ग़ुन्चा नक़्ल करिये
तू तो न बोल ज़ालिम बू आती है वहाँ से

ख़ामोशी में ही हम ने देखी है मसलहत अब
हर इक से हाल दिल का मुद्दत कहा ज़बाण से

%[masalahat = propriety/correctness]

इतनी भी बद मिज़ाजी हर लहज़ा 'ंएएर तुम को
उलझाव है ज़मीन से, झगड़ा है आस्माँ से