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\stitle{aa jaae.n ham nazar jo koii dam bahut hai yaa.N}
\lyrics{Meer Taqi Meer}
\singers{Meer Taqi Meer}



आ जाएं हम नज़र जो कोई दम बहुत है याँ
मोहलत बसाँ-ए-बर्क़-ओ-शरार कम बहुत है याँ

यक लहज़ा सीना कोबी से फ़ुरसत  हमें नहीं
यानि कि दिल के जाने का मातम बहुत है याँ

हम रहरवाँ-ए-राह-ए-फ़ना देर रह चुके
वक़्फ़ा बसाँ-ए-सुब्ह कोई दम बहुत है याँ

हासिल है क्या सिवाए तरै के दहर में
उठ आस्माँ तले से के शबनम बहुत है याँ

इस बुतकदे में मानी का किस से करें सवाल
आदम नहीं सूरत-ए-अदम बहुर है याँ

अजाज़-ए-इसवी से नहीं बहस इश्क़ में
तेरी ही बात जान-ए-मुजस्सिम बहुत है याँ

मेरे हिलाक करने का ग़म है अबस तुम्हें
तुम शाद ज़िंदगानी करो ग़म बहुत है याँ

शायद के काम सुब्ह तक अपना खिंचे न 'ंएएर'
अहवाल आज शाम से दरहम बहुत है याँ