% meer40.s isongs output
\stitle{shikavaa karuu.N mai.n kab tak us apane meharabaa.N kaa}
\lyrics{Meer Taqi Meer}
\singers{Meer Taqi Meer}
शिकवा करूँ मैं कब तक उस अपने मेहरबाँ का
अल-क़िस्सा रफ़्ता रफ़्ता दुश्मन हुआ है जाँ का
(होव लोन्ग चन ई चोम्प्लैन ओफ़ म्य फ़्रिएन्द, किन्द अन्द विसे
स्तेप ब्य स्तेप हे हस ग्रोव्न इन्तो अन एनेम्य ओफ़ म्य लिफ़े)
दी आग रंग-ए-गुल ने वाँ ऐ सबा चमन को
याँ हम जले क़फ़स में सुन हाल आशियाँ का
(ठे ग्रोवे ब्य सेत अब्लज़े ब्य थे ब्रिल्लिअन्त हुएस ओफ़ थे ब्लोओम
आन्क्षिओउस इन ओउर प्रिसोन,वे हेअर्द थे फ़ते ओफ़ ओउर नेस्त)
हर सुबह मेरे सर पर इक हादिसा नया है
पैवंद हो ज़मीं का, शेवा इस आसमाँ का
(एवेर्य्दय ई फ़चे अ चलमित्य फ़्रेश अन्द नेव
टो बे बुरिएद इन थे दुस्त, इस व्हत थे हेअवेन्स देविसे/वन्त)
कम-फ़ुर्सती जहाँ के मज्मा की कुछ न पूछो
अहवाल क्या कहूँ मैं, इस मज्लिस-ए-रवाँ का
(ठे लच्क ओफ़ तिमे ओफ़ थिस मिल्लिन्ग च्रोव्द देफ़िएस थे सेन्सेस
दोन'त अस्क मे व्हेरे इत गोएस, थिस फ़्लोविन्ग तिदे ओफ़ लिफ़े)
या रोये, या रुलाये, अपनी तो यूँ ही गुज़री
क्या ज़िक्र हम सफ़ीरान याराँ-ए-शादमाँ का
(च्र्यिन्ग ओर मकिन्ग ओथेर्स च्र्य, थुस हवे वे स्पेन्त ओउर लिवेस
तेल्ल मे नोत ऑ फ़्रिएन्द ओफ़ थे लुच्क्य/हप्प्य गुय्स)
क़ैद-ए-क़फ़स में हैं तो ख़िद्मत है नालिगी की
गुलशन में थे तो हम को मंसब था रौज़ाख़्वाँ का
(णोव थत वे अरे इन थे चगे, वे रैसे पैन्फ़ुल वैल्स
Wहेन वे स्तयेद इन थे गर्देन, वे वेरे गिवेन तो एलेगिसे% [sing of mourning])
पूछो तो 'ंइर' से क्या कोई नज़र पड़ा है
चेहरा उतर रहा है कुछ आज उस जवाँ का
(ग़ो इन्क़ुइरे फ़्रोम ंएएर इस हे हस पेर्चन्चे फ़ल्लेन इन लोवे
थे योउथ'स फ़चे सेएम्स तो बे लोओकिन्ग क़ुइते पले तोदय)