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\stitle{ab jo ik hasrat-e-javaanii hai}
\singers{Meer Taqi Meer}



अब जो इक हस्रत-ए-जवानी है
उम्र-ए-रफ़्ता की ये निशानी है

(ठिस येअर्निन्ग फ़ोर योउथ थत ई नोव हवे
इस बुत अ रेलिच/सिग्न ओफ़ म्य पस्त लिफ़े/ब्य्गोने तिमे)

ख़ाक थी मौजज़न जहाँ में, और
हम को धोका ये था के पानी है

(ठे वोर्ळ रैसेद ववेस ओफ़ दुस्त/अशेस
अन्द ई तोओक इत तो बे अ ओचेअन)

गिरिया हर वक़्त का नहीं बेहेच
दिल में कोई ग़म-ए-निहानी है

(ंय वेएपिन्ग इस नोत विथोउत रेअसोन
थेरे मुस्त बे सोमे ग्रिएफ़ हिद्देन इन म्य हेअर्त)

हम क़फ़स ज़ाद क़ैदी हैं वरना
ता चमन परफ़शानी है

(Wए अरे प्रिसोनेर्स व्हो अरे फ़ोन्द ओफ़ ओउर चगेस
फ़ोर थे गर्देन इस बुत अ विन्ग'स बेअत अवय)

याँ हुये 'ंएएर' हम बराबर-ए-ख़ाक
वाँ वही नाज़-ओ-सर्गिरानी है

(ःएरे, ंएएर, वे लोवेर ओउर्सेल्वेस तो थे वेर्य दुस्त
ठेरे, प्रिदे स्तिल्ल रेइग्न्स सुप्रेमे)