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% meraj05.s isongs output
\stitle{ba.D gayaa thaa pyaas kaa ehasaas dariyaa dekh kar}
\lyrics{Meraj Faizabadi}
\singers{Meraj Faizabadi}
% Contributed by Fayaz Razvi



बड़ गया था प्यास का एहसास दरिया देख कर
हम पलट आये मगर पानी को प्यासा देख कर

हम भी हैं शायद किसी भटकी हुई कश्ती के लोग
चीखने लगते हैं ख़्वाबों में जज़ीरा देख कर

जिस की जितनी हैसियत है उसके नाम उतना ख़ुलूस
भीक देते हैं यहाँ के लोग कसा देख कर

माँगते हैं भीक अब अपने मुहल्लों में फ़क़ीर
भूक भी मुहतात हो जाती है खत्रा देख कर

ख़ुद्कुशी लिखी थी एक बेवा के चेहरे पर मगर
फिर वो ज़िंदा हो गयी बच्चा बिलकता देख कर