% mniazi02.s isongs output
\stitle{chaman me.n ra.ng-e-bahaar utaraa to mai.n ne dekhaa}
\lyrics{Munir Niazi}
\singers{Munir Niazi}
% Contributed by Yogesh Sethi
चमन में रंग-ए-बहार उतरा तो मैं ने देखा
नज़र से दिल का ग़ुबार उतरा तो मैं ने देखा
मैं नीम शब आज़मा के हसरत को देखता था
चमन में वो हुस्न ज़ार उतरा तो मैं ने देखा
ख़ुमार मै थी वो चेहरा कुछ और लग रहा था
डम-ए-सहर जब ख़ुमार उतरा तो मैं ने देखा
गली के बाहर तमाम मंज़िल बदल गये थे
जो साया एक कू-ए-यार उतरा तो मैं ने देखा
इक और दरिया का सामना था 'ंउनिर' मुझ को
मैं एक दरिया के पार उतरा तो मैं ने देखा