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% mniazi06.s isongs output
\stitle{us bevafaa kaa shahar hai aur ham hai.n dosto.n}
\lyrics{Munir Niazi}
\singers{Munir Niazi}
% Contributed by Saleem A. Khanani
उस बेवफ़ा का शहर है और हम हैं दोस्तों
अश्क-ए-रवाँ की नहर है और हम हैं दोस्तों
शाम-ए-आलम ढली तो चली दर्द की हवा
रातों का पिछला पहर है और हम हैं दोस्तों
आँखों में उड़ रही है लुटी महफ़िलों की धूल
इब्रत बर-ए-दहर है और हम हैं दोस्तों
ये अजनबी सी मंज़िलें और रफ़्तगाँ की याद
तन्हईयों का ज़हर है और हम हैं दोस्तों
%[raftagaa.N = departed ones]