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% mniazi09.s isongs output
\stitle{zi.ndaa rahe.n to kyaa hai jo mar jaae.N ham to kyaa}
\singers{Munir Niazi #9}
ज़िंदा रहें तो क्या है जो मर जाएँ हम तो क्या
दुनिया में ख़ामोशी से गुज़र जाएँ हम तो क्या
हस्ती ही अपनी क्या है ज़माने के सामने
एक ख़्वाब हैं जहाँ में बिखर जाएँ हम तो क्या
अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिये वहाँ
शाम आ गई है लौट के घर जाएँ हम तो क्या
%[mu.ntazir = waiting]
दिल की ख़लिश तो साथ रहेगी तमाम उम्र
दरिया-ए-ग़म के पार उतर जाएँ हम तो क्या