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% mohsin01.s isongs output
\stitle{ye dil ye paagal dil meraa kyo.n bujha gayaa aavaaragii}
\lyrics{Mohsin Naqvi}
\singers{Mohsin Naqvi}



ये दिल ये पागल दिल मेरा क्यों बुझ गया आवारगी
इस दश्त में इक शहर था वो क्या हुआ आवारगी

कल शब मुझे  बे-शक्ल सी आवाज़ ने चौँका दिया
मैं ने कहा तू कौन है उसने कहा आवारगी

इक तू कि सदियों से मेरे हम-राह भीइ हम-राज़ भी
इक मैं कि तेरे नाम से न-आश्ना आवारगी

ये दर्द की तनहाइयाँ ये दश्त का वीराँ सफ़र
हम लोग तो उक्ता गये अपनी सुना आवारगी

इक अजनबी झोंके ने जब पूछा मेरे ग़म का सबब
सहरा की भीइगी रेत पर मैं ने लिखा आवारगी

ले अब तो दश्त-ए-शब की सारीइ वुसतें सोने लगीं
अब जागना होगा हमें कब तक बता आवारगी

कल रात तनहा चाँद को देखा था मैं ने ख़्वाब में
"ंओह्सिन" मुझे रास आएगी शायद सदा आवारगी

%[Mohsin = beneficient/generous; raas aanaa - to suit]