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\stitle{ret par likh ke meraa naam miTaayaa na karo}
\lyrics{Mohsin Naqvi}
\singers{Mohsin Naqvi}
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो
आँखें सच भोलती हैं प्यार चुपाया न करो
लोग हर बात का अफ़्सान बना लेते हैं
सब को हालात की रुदाद सुनाया न करो
ये ज़रूरी नहीं हर शख़्स मसीहा ही हो
प्यार के ज़ख़्म अमानत हैं दिखाया न करो
शहर-ए-एहसास में पत्थराव बहुत हैं "ंओह्सिन"
दिल को शीशे के झरोंखों में सजाया न करो