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\stitle{Thahar jaao ke hairaanii to jaaye}
\singers{Mohsin Naqvi}



ठहर जाओ के हैरानी तो जाये
तुम्हारी शक़्ल पहचानी तो जाये

शब-ए-ग़म तू ही महमाँ बन के आजा
हमारे घर की विरानी तो जाये

ज़रा खुल कर भी रो लेने दो हमको
के दिल की आग तक पानी हो जाये

बला से तोड़ डालो आईनों को
किसी सूरत ये हैरानी तो जाये