% mohsin07.s isongs output
\stitle{abhii kyaa kahe.n abhii kyaa sunaaye.n}
\singers{Mohsin Naqvi #7}
अभी क्या कहें अभी क्या सुनायें
के सर-ए-फ़सील-ए-सुकूत-ए-जाँ
कुफ़-ए-रोज़-ओ-शब पे शरर नुमा
वो जो हर्फ़ जर्फ़ चराग़ था
उसे किस हवा ने बुझा दिया
कभी लब हिलेंगे तो पूछना
सर-ए-सहर-ए-अहद-ए-विसाल-ए-दिल
वो जो निकहतों का हुजूम था
उसे दस्त-ए-मौज-ए-फ़िराक़ ने
तह-ए-ख़ाक कब से मिला दिया
कभी गुल खिलेंगे तो पूछना
अभी क्या कहें अभी क्या सुनायेँ
यूँ ही ख़्वाहिशों के फ़िशार में
कभी बे-सबब कभी बेख़लल
कहाँ कौन किस से बिछड़ गया
किसे किस ने कैसे गँवा दिया
कभी फिर मिलेंगे तो पूछना