ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% momin05.s isongs output
\stitle{shab-e-Gam-e-furqat hame.n kyaa kyaa maze dikhalaae thaa}
\lyrics{Momin Khan Momin}
\singers{Momin Khan Momin}



शब-ए-ग़म-ए-फ़ुर्क़त हमें क्या क्या मज़े दिखलाए था
दम रुके था सीने में कम्बख़्त जी घबराए था

बल बे अय्यारी अदू के आगे वो पैमान शिकन
वादा-ए-वस्ल फिर करता था और शर्माए था

सुन के मेरी मर्ग बोले मर गया अच्छा हुआ
क्या बुरा लग्ता था जिस दम सामने आ जाए था

बात शब को उसके मना-ए-बेक़रारी से बड़ी
हम तो समझे और कुछ वो और कुछ समझाए था

कोई दिन तो उसपे क्या तस्वीर का आलम रहा
हर कोई हैरत का पुतला देख कर बन जाए था

सू-ए-सहरा ले चले उस कू से मेरी नाश हाए
था यही दर इन दिनों तल्वा मेरा खुजलाए था

हो गैइ दो रोज़ की उल्फ़त में क्या हालत अभी
ंओमिन-ए-वहशी को देखा इस तरफ़ से जाए था