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% momin08.s isongs output
\stitle{naavak a.ndaaz jidhar diidaa-e-jaanaa.N ho.nge}
\singers{Momin #8}
% Contributed by Roshan Kamath



नावक अंदाज़ जिधर दीदा-ए-जानाँ होंगे
नीम-बिस्मिल कई होंगे कई बेजाँ होंगे

ताब-ए-नज़ारा नहीं आईना क्या देखने दूँ
और बन जायेंगे तस्वीर जो हैराँ होंगे

तू कहाँ जायेगी कुछ अपना ठिकाना कर ले
हम तो कल ख़्वाब-ए-अदम में शब-ए-हिजराँ होंगे

फिर बहार आई वही दश्त-ए-नावर्दी होगी
फिर वही पाओं वही ख़ार-ए-मुग़ेलाँ होंगे

नासिहा दिल में तू इतना तो समझ अपने के हम
लाख नादाँ हुये क्या तुझ से भी नादाँ होंगे

एक हम हैं के हुये ऐसे पशेमाँ के बस
एक वो हैं के जिंहें चाह के अर्माँ होंगे

मिन्नत-ए-हज़रत-ए-इसा न उठायेँगे कभी
ज़िंदगी के लिये शर्मिंदा-ए-एहसाँ होंगे

उम्र तो सारी कटी इश्क़-ए-बुताँ में "ंओमिन"
अब आख़िरी वक़्त में क्या ख़ाक मुसलमाँ होंगे