% mullah02.s isongs output
\stitle{sar-e-mahashar yahii puuchhuu.Ngaa Khudaa se pahale}
\singers{Anand Narain Mullah #2}
सर-ए-महशर यही पूछूँगा ख़ुदा से पहले
तूने रोका भी था मुजरिम क्य ख़ता से पहले
अश्क आँखों में हैं होठों पे बुका से पहले
क़ाफ़िला ग़म का चला बांग-ए-दरा से पहले
उड़ गया जैसे यकायक मेरे शानों पर से
वो जो इक बोझ था तस्लीम-ए-ख़ता से पहले
हाँ यहाँ दिल जो किसी का है अब आईना-ए-हुस्न
वर्क़-ए-सादा था उल्फ़त की ज़िया से पहले
इब्तिदा ही से न दे ज़ीस्त मुझे दर्स उस का
और भी बाब तो हैं बाब-ए-रज़ा से पहले
मैं गिरा ख़ाक पे लेकिन कभी तुम ने सोचा
मुझ पे क्या बीत गई लग़्ज़िश-ए-पा से पहले
अश्क आते तो थे लेकिन ये चमक और तड़प
उन में कब थी ग़म-ए-उल्फ़त की ज़िया से पहले
दर-ए-मयख़ाना से आती है सदा-ए-साक़ी
आज सेराब किये जाएंगे प्यासे पहले
राज़-ए-मयनोशी-ए-"ंउल्लह" हुआ अफ़्शाँ वर्ना
समझा जाता था वली लग़्ज़िश-ए-पा से पहले