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\stitle{Khvaab thaa yaa Khayaal thaa kyaa thaa}
\singers{Mussafi #1}



ख़्वाब था या ख़याल था क्या था
हिज्र था या विसाल था क्या था

चमकी बिजली सी पर न समझे हम
हुस्न था या जमाल था क्या था

जिस को हम रोज़-ए-हिज्र समझे थे
माह था वो के साल था क्या था

"ंउस्सफ़ि" कल जो चुप सा बैठा था
क्या तुझे कुछ मलाल था क्या था