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% mwarsi07.s isongs output
\stitle{kyaa bhalaa mujhako paraKhane ke natiijaa nikalaa}
\lyrics{Muzaffar Warsi}
\singers{Muzaffar Warsi}
% Contributed by Dinesh Shenoy



क्या भला मुझको परख़ने के नतीजा निकला
ज़ख़्म-ए-दिल आप की नज़रों से भी गेहरा निकला

तोड़कर देख लिया आईना-ए-दिल तूने
तेरी सूरत के सिवा और बता क्या निकला

तिश्नगी जम गैइ पत्थर की तरह होंटों पर
डूब कर तेरे दरिया में मैं प्यासा निकला