% narvi01.s isongs output
\stitle{raah-e-talab me.n kaun kisii kaa apane bhii begaane hai.n}
\singers{Asrar Narvi #1}
राह-ए-तलब में कौन किसी का अपने भी बेगाने हैं
चाँद से मुखड़े रश्क-ए-ग़ज़लाँ सब जाने पेहचाने हैं
उफ़्फ़ ये तलाश-ए-हुस्न-ओ-हक़ीक़त किस जा ठहरें जाएं कहाँ
सहन-ए-चमन में फूल खिले हैं सेहरा में दीवाने हैं
तनहाई ही तनहाई है कैसे कहें कैसे समझाएँ
चश्मो-ओ-लब-ओ-रुख़सार की तह में रूहों के वीराने हैं
अपने वजूद की मस्ती से हम रिंदों के अहवाल न पूछ
क़दम क़दम पर छेड़ ख़िरद से नफ़स नफ़स मैख़ाने हैं
दिल आख़िर थक हार के यारो हम ने भी तस्लीम किया
अपनी ज़ात से इश्क़ है सच्चा बाक़ी सब अफ़साने हैं