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\stitle{ye inaayate.n Gazab kii, ye balaa kii meharabaanii}
\singers{Nazeer Banarasi}



ये इनायतें ग़ज़ब की, ये बला की मेहरबानी
मेरी ख़ैरियत भी पूछी किसी और की ज़ुबानी

मेरा ग़म रुला चुका है तुझे बिखरी ज़ुल्फ़ वाले
ये घटा बता रही है कि बरस चुका है पानी

तेरा हुस्न सो रहा था मेरी छेड़ ने जगाया
वो निगाह मैं ने डाली कि सँवर गई जवानी

मेरी बेज़ुबान आँखों से गिरे हैं चंद कतरे
वो समझ सके तो आँसू न समझ सके तो पानी