ACZoom Home | ITRANS | ITRANS Song Book |
% nbanarasi03.s isongs output
\stitle{kabhii Khaamosh baiThogii kabhii kuchh gun-gunaaogii}
\singers{Nazeer Banarasi #3}
कभी ख़ामोश बैठोगी कभी कुछ गुन-गुनाओगी
मैं उतना याद आओओंगा मुझे जितना भुलाओगी
कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुम से
बहुत समझाना चाहोगी मगर समझा न पाओगी
कभी दुनिया मुक़म्मल बनके आयेंगी निगाहों में
कभी मेरी कभी दुनिया की हर एक रैन बिताओगी
कहीं पर भी रहें हम तो मुहब्बत फिर मुहब्बत है
तुम्हें हम याद आयेंगे हमें तुम याद आओगी