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\stitle{kabhii kabhii yuu.N bhii hamane apane hii ko bahalaayaa hai}
\lyrics{Nida Fazli}
\singers{Nida Fazli}
कभी कभी यूँ भी हमने अपने ही को बहलाया है
जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है
हमसे पूछो इज़्ज़त वालों की इज़्ज़त का हाल कभी
हमने भी इस शहर में रह कर थोड़ा नाम कमाया है
उससे बिछड़े बरसों बीते लेकिन आज न जाने क्यों
आँगन में हस्ते बच्चों को बेकारन धमकाया है
कोई मिला तो हाथ मिलाया कहीं गए तो बातें की
घर से बाहर जब भी निकले दिन भर भोज उठाया है