ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% nida27.s isongs output
\stitle{kuchh tabiyat hii milii thii aisii}
\singers{Nida Fazli #27}



कुछ तबियत ही मिली थी ऐसी
चैन से जीने की सूरत न हुई
जिस को चाहा उसे अपना न सके
जो मिला उस से मुहब्बत न हुई

जिस से जब तक मिले दिल ही से मिले
दिल जो बदला तो फ़साना बदला
रस्में दुनिया की निभाने के लिये
हमसे रिश्तों की तिजारत न हुई

दूर से था वो कई चेहरों में
पास से कोई भी वैसा न लगा
बेवफ़ाई भी उसी का था चलन
फिर किसी से ही शिकायत न हुई

वक़्त रूठा रहा बच्चे की तरह
राह में कोई खिलौना न मिला
दोस्ती भी तो निभाई न गई
दुश्मनी में भी अदावत न हुई