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% nizam01.s isongs output
\stitle{a.nga.Daa_ii bhii vo lene na paaye uThaa ke haath}
\singers{Nizam Rampuri #1}
अंगड़ाई भी वो लेने न पाये उठा के हाथ
देखा मुझे तो छोड़ दिये मुस्कुरा के हाथ
बेसाख़्ता निगाहें जो आपस में मिल गईं
क्या मूँह पे उस ने रख लिये आँखें चुरा के हाथ
%[besaaKtaa = suddenly]
वो ज़ानुओं पे सीना छुपाना सिमट के हाय
और फिर सम्भालना वो दुपट्टा छुड़ा के हाथ
%[zaanuo.n = thigh/lap]
देना वो उस का साग़र-ए-मय याद है "णिज़म"
मूँह फेर को उधर को इधर को बढ़ा के हाथ