ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% parvin09.s isongs output
\stitle{rukane kaa samay  guzar gayaa hai}
\lyrics{Parveen Shakir}
\singers{Parveen Shakir}



रुकने का समय  गुज़र गया है
जाना तेरा अब ठहर गया है

रुख़सत की घड़ी खड़ी है सर पर
दिल कोई दो-नीम कर गया है

मातम की फ़ज़ा है शहर-ए-दिल में
मुझ में कोई शख्स मर गया है

बुझने को है फिर से चश्म-ए-नर्गिस
फिर ख़्वाब-ए-सबा बिखर गया है

बस इक निगाह की थी उस ने
सारा चेहरा निखर गया है