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% qabil01.s isongs output
\stitle{tum na maano magar haqiiqat hai}
\lyrics{Qabil Ajmeri}
\singers{Qabil Ajmeri}
% Contributed by Fayaz Razvi



तुम न मानो मगर हक़ीक़त है
इश्क़ इन्सान की ज़रूरत है

कुछ तो दिल मुबतला-ए-वहशत है
कुछ तेरी याद भी क़यामत है

मेरे महबूब मुझसे झूठ न बोल
झूठ सूरत-ए-गर सदाक़त है

जी रहा हूँ इस ऐतमाद के साथ
ज़िंदगी को मेरी ज़रूरत है

हुस्न ही हुस्न जलवे ही जलवे
सिर्फ़ एहसास की ज़रूरत है

उसके वादे पे नाज़ थे क्या क्या
अब दर-ओ-बाम से नदामत है

उसकी महफ़िल में बैठ कर देखो
ज़िंदगी कितनी ख़ुब्सूरत है

रास्ता कट ही जाएगा "Qअबिल"
शौक़-ए-मंज़िल अगर सलामत है