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% qabil02.s isongs output
\stitle{vo har maqaam se pahale vo har maqaam ke baad}
\lyrics{Qabil Ajmeri}
\singers{Qabil Ajmeri}
% Contributed by Fayaz Razvi



वो हर मक़ाम से पहले वो हर मक़ाम के बाद
सहर थी शाम से पहले सहर है शाम के बाद

हर इन्क़लाब-ए-मुबारक हर इन्क़लाब-ए-अज़ाब
शिकस्त-ए-जाम से पहले शिकस्त-ए-जाम के बाद

मुझपे इतनी तवज्जु मुझसे इतना गुरेज़
मेरे सलाम से पहले मेरे सलाम के बाद

चराग़-ए-बज़्म-ए-सितम हैइं हमारा हाल न पूछ
जले थे शाम से पहले बुझे हैं शाम के बाद

ये रात कुछ भी नहीं थी ये रात सब कुछ है
तलू-ए-जाम से पहले तलू-ए-जाम के बाद

वही ज़ुबाँ वही बातें मगर है कितना फ़र्क़
तुम्हारे नाम से पहले तुम्हारे नाम के बाद

हयात गिरिया-ए-शबनम हयात रक़्स-ए-शरर
तेरे पयाम से पहले तेरे पयाम के बाद

ये तर्ज़-ए-फ़िक़्र ये रंग-ए-सुख़न कहाँ "Qअबिल"
तेरे कलाम से पहले तेरे कलाम के बाद