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\stitle{a.nga.Daaii par a.nga.Daaii letii hai raat judaaii kii}
\lyrics{Qateel Shifai}
\singers{Qateel Shifai}



अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की
तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मेरी तनहाई की

कौन सियाही घोल रहा था वक़्त के बहते दरिया में
मैं ने आँख झुकी देखी है आज किसी हरजाई की

वस्ल की रात न जाने क्यूँ इस्रार था उनको जाने पर
वक़्त से पहले डूब गए तारों ने बड़ी दानाई की

उड़ते उड़ते आस का पाँछी दूर उफ़क़ में डूब गया
रोते रोते बैठ गैइ आवाज़ किसी सौदाई की