% qateel12.s isongs output
\stitle{yaaro kisii qaatil se kabhii pyaar na maa.Ngo}
\singers{Qateel Shifai #12}
यारो किसी क़ातिल से कभी प्यार न माँगो
अपने ही गले के लिये तलवार न माँगो
गिर जाओगे तुम अपने मसीहा की नज़र से
मर कर भी इलाज-ए-दिल-ए-बीमार न माँगो
खुल जायेगा इस तरह निगाहों का भरम बी
काँटों से कभी फूल की महकार न माँगो
%[mahakaar = fragrance]
सच बात पे मिलता है सदा ज़हर का प्याला
जीना है तो फिर जीने के इज़हार न माँगो
उस चीज़ का क्या ज़िक्र जो मुम्किन ही नहीं है
सेहरा में कभी साया-ए-दीवार ना माँगो
%[seharaa = desert/wilderness]