% qateel16.s isongs output
\stitle{pyaas vo dil kii bujhaane kabhii aayaa bhii nahii.n}
\lyrics{Qateel Shifai}
\singers{Qateel Shifai}
प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं
बेरुख़ी इस से बड़ी और भला क्या होगी
एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं
रोज़ आता है दर-ए-दिल पे वो दस्तक देने
आज तक हमने जिसे पास बुलाया भी नहीं
सुन लिया कैसे ख़ुदा जाने ज़माने भर ने
वो फ़साना जो कभी हमने सुनाया भी नहीं
तुम तो शायर हो 'Qअतेएल' और वो इक आम सा शख़्स
उस ने चाहा भी तुझे और जताया भी नहीं