% qateel17.s isongs output
\stitle{vafaa ke shiish mahal me.n sajaa liyaa mai.n ne}
\lyrics{Qateel Shifai}
\singers{Qateel Shifai}
वफ़ा के शीश महल में सजा लिया मैं ने
वो एक दिल जिसे पत्थर बना लिया मैं ने
ये सोच कर कि न हो ताक में ख़ुशी कोई
ग़मों कि ओट में ख़ुद को छुपा लिया मैं ने
कभी न ख़त्म किया मैं ने रोशनी का मुहाज़
अगर चिराग़ बुझा, दिल जला लिया मैं ने
%[muhaaz = procession]
कमाल ये है कि जो दुश्मन पे चलाना था
वो तीर अपने कलेजे पे खा लिया मैं ने
'Qअतेएल' जिसकी अदावत में एक प्यार भी था
उस आदमी को गले से लगा लिया मैं ने
%[adaavat = enemity]