% rahbar01.s isongs output
\stitle{tere Khushbuu me.n base Khat mai.n jalaataa kaise}
\singers{Rajendranath Rahbar #1}
% Additions by Manoj Sharma
तेरे ख़ुश्बू में बसे ख़त मैं जलाता कैसे
जिन को दुनिया की निगाहों से छुपाये रखा
जिन को इक उम्र कलेजे से लगाये रखा
दीन जिन को, जिन्हें ईमान बनाये रखा
%[diin = religion]
जिन का हर लफ़्ज़ मुझे याद था पानी की तरह
याद थे मुझ को जो पैग़ाम-ए-ज़ुबानी की तरह
मुझ को प्यारे थे जो अन्मोल निशानी की तरह
तूने दुनिया की निगाहों से जो बचकर लिखे
सालहा-साल मेरे नाम बराबर लिखे
कभी दिन में तो कभी रात में उठकर लिखे
%[saalahaa saal = year after year]
तेरे ख़ुश्बू में बसे ख़त मैं जलाता कैसे
प्यार में डूबे हुये ख़त मैं जलात कैसे
तेरे हाथों के लिखे ख़त मैं जलात कैसे
तेरे ख़त आज मैं गन्गा में बहा आया हूँ
आग बहते हुये पानी में लगा आया हूँ