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\stitle{may rahe miinaa rahe gardish me.n paimaanaa rahe}
\lyrics{Riaz Khairabadi}
\singers{Riaz Khairabadi}
मय रहे मीना रहे गर्दिश में पैमाना रहे
मेरे साक़ी तू रहे आबाद मयख़ाना रहे
हश्र भी तो हो चुका रुख़ से नहीं हटती नक़ाब
हद भी आख़िर कुछ है कब तक कोई दीवाना रहे
रात को जा बैठते हैं रोज़ हम मजनूँ के पास
पहले तो अनबन रह चुकी है अब तो याराना रहे
ज़िंदगी का लुत्फ़ हो उड़ती रहे हरदम 'ऱिअज़'
हम हों शीशे की परी हो घर परीख़ाना रहे