ACZoom Home E-mail ITRANS ITRANS Song Book

% sabir01.s isongs output
\stitle{tu kahii.n bhii rahe sar pe tere ilzaam to hai}
\lyrics{Sabir Jalalabadi}
\singers{Sabir Jalalabadi}



तु कहीं भी रहे सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है
तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है

मुझको तू अपना बना या न बना तेरी ख़ुशी
तू ज़माने में मेरे नाम से बदनाम तो है

मेरे हिस्से में कोई जाम न आया न सही
तेरी महफ़िल में मेरे नाम कोई शाम तो है

देख कर लोग मुझे नाम तेरा लेते हैं
इस पे मैं ख़ुश हूँ मुहब्बत का ये अंजाम तो है

वो सितमगर ही सही देख के उसको "Sअबिर"
शुक्र इस दिल-ए-बिमार को आराम तो है