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\stitle{tumhaarii mast nazar agar idhar nahii.n hotii}
\lyrics{Sahir Ludhianvi}
\singers{Sahir Ludhianvi}



तुम्हारी मस्त नज़र अगर इधर नहीं होती
नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती

तुम्हीं को देखने की दिल में आरज़ूएं हैं
तम्हारे आगे ही और ऊँची नज़र नहीं होती

ख़फ़ा न होना अगर बड़ के थाम लूँ दामन
ये दिल फ़रेब ख़ता जान कर नहीं होती

तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है
फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती