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% sahir06.s isongs output
\stitle{bha.Dakaa rahe hai.n aag lab-e-naGmaagaar se ham}
\lyrics{Sahir Ludhianvi}
\singers{Sahir Ludhianvi}
% Additions by Gopi Shanker "Shareek Sikandarabaadi"
भड़का रहे हैं आग लब-ए-नग़्मागार से हम
ख़ामोश क्या रहेंगे ज़माने के डर से हम
कुछ और बड़ गए अँधेरे तो क्या हुआ
मायूस तो नहीं हैं तुलु-ए-सहर से हम
ले दे के अपने पास फ़क़त एक नज़र तो है
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नज़र से हम
माना कि इस ज़मीँ को न गुलज़ार कर सके
कुछ ख़ार कम कर गए गुज़रे जिधर से हम