% sahir07.s isongs output
\stitle{Faraar}
\singers{Sahir Ludhianvi #7}
अपने माज़ी के तसव्वुर से हिरासा हूँ मैं
अपने गुज़रे हुए अय्यम से नफ़रत है मुझे
अपनी बेकार तमन्नओं पे शर्मिंदा हूँ मैं
अपनी बेसुद उम्मीदों पे निदामत है मुझे
%[maazi = past; hiraasaa = troubled; ayyam = days; besud = senseless/useless]
मेरे माज़ी को अँधेरे में दबा रहने दो
मेरा माज़ी मेरी ज़िल्लत के सिवा कुछ भी नहीं
मेरी उम्मीदों का हासिल मेरी काविश का सिला
एक बेनाम अज़ीयत के सिवा कुछ भी नहीं
%[aziiyat = torment; kaavish = research]
कितनी बेकार उम्मीदों का सहारा लेकर
मैं ने ऐवान सजाये थेय किसी की ख़ातिर
कितनी बेरब्त तमन्नाज़ों के माभम ख़ाके
अपने ख़्वाबों मे.म बसाये थे किसी की ख़ातिर
%[aiwaan = palace; berabt = unfulfilled; maabham = hidden; Kaake = sketches]
मुझसे अब मेरी मोहब्बत के फ़साने न पूछो
मुझको कहने दो के मैं ने उंहें चाहा ही नहीं
और वो मस्त निगाहें जो मुझे भूल गैइं
मैं ने उन मस्त निगाहों को सराहा ही नहीं
मुझको कहने दो कि मैं आज भी जी सकता हूँ
इश्क़ नाकाम सही ज़िंदगी नाकाम नहीं
उनको अपनाने की ख़्वाहिश उंहें पाने की तलब
शौक़ बेकार सही सै-ग़म अंजाम नहीं
%[sai-Gam = to be sad]
वही गेसू वही नज़र वही आरिद वही जिस्म
मैं जो चाहूँ कि मुझे और भी मिल सकते हैं
वो कँवल जिनको कभी मुनके लिये खिलना था
उनकी नज़रोन से बहुत दूर भी खिल सकते हैं
%[aarid = lips]