% sahir08.s isongs output
\stitle{ta.ng aa chuke hai.n kash-ma-kash-e-zi.ndagii se ham}
\singers{Sahir Ludhianvi #8}
तंग आ चुके हैं कश-म-कश-ए-ज़िंदगी से हम
ठुकरा ना दें जहाँ को कहीं बेदिली से हम
मायूसी-ए-म'अल-ए-मोहब्बत ना पूछिये
अपनों से पेश आये हैं बेगानगी से हम
%[ma'al = consequence]
लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उम्मीद
लो अब कभी गिला ना करेंगे किसी से हम
उभरेंगे एक बार अभी दिल के वल-वले
गो दब गये हैं बार-ए-ग़म-ए-ज़िंदगी से हम
गर ज़िंदगी में मिल गये फिर इत्तफ़ाक़ से
पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम
अल्लाह रे फ़रेब-ए-मसहीयत के आज तक
दुनिया के ज़ुल्म सहते रहे ख़ामोशी से हम
%[masahiiyat = God's will]
हम ग़म-ज़दा हैं लाये कहाँ से ख़ुशी के गीत
देंगे वही जो पाएंगे इस ज़िंदगी से हम