% sahir12.s isongs output
\stitle{Khuubasuurat mo.D}
\lyrics{Sahir Ludhianvi}
\singers{Sahir Ludhianvi}
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जायेँ हम दोनों
न मैं तुम से कोई उम्मीद रखूँ दिल नवाज़ी की
न तुम मेरी तरफ़ देखो ग़लत अंदाज़ नज़रों से
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाये मेरी बातों में
न ज़ाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज़ नज़रों से
त'अर्रुफ़ रोग हो जाये तो उस को भूलना बेहतर
त'अल्लुक़ बोझ बन जाये तो उस को तोड़ना अच्छा
वो अफ़्साना जिसे तकमील तक लाना न हो मुमकिन
उसे एक ख़ूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जायेँ हम दोनों
%[ta'arruf = acquaintance; ta'alluq = relationship; takamiil =
चोम्प्लेतिओन]
ठे सोन्ग हस अन अद्दितिओनल स्तन्ज़:
तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जलवे पराए हैं
मेरे हमराह भी रुसवाइयाँ हैं मेरे माज़ी की
तुम्हारे साथ भी गुज़री हुई रातों के साये हैं