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% sahir14.s isongs output
\stitle{Mere giit}
\singers{Sahir Ludhianvi}



मेरे सरकश तराने सुन के दुनिया ये समझती है
कि शायद मेरे दिल को इश्क़ के नग़्मों से नफ़रत है

%[sarakash = full of revolutionary verve]

मुझे हंगामा-ए-जंग-ओ-जदल में कैफ़ मिलता है
मेरी फ़ितरत को ख़ूँरेज़ी के अफ़सानों से रग़्बत है

%[ja.ng-o-jadal = war and strife; kaif = joy; fitarat = nature]
%[Kuu.Nrezii = bloodthirsty/bloody; raGbat = interest]

मेरी दुनिया में कुछ वक़अत नहीं है रक़्स-ओ-नग़्में की
मेरा महबूब णग़्मा शोर-ए-आहंग-ए-बग़ावत है

%[vaqat = value; raqs-o-naGmaa = dancing and singing]

मगर ऐ काश! देखें वो मेरी पुरसोज़ रातों को
मैं जब तारों पे नज़रें गाड़कर  आसूँ बहाता हूँ

%[purasoz = filled with pain]

तसव्वुर  बनके भूली वारदातें याद आती हैं
तो सोज़-ओ-दर्द की शिद्दत से पहरों तिल्मिलाता हूँ

%[vaaradaate.n = incidents; shiddat = sharpness/quickness]

कोई ख़्वाबों में ख़्वाबीदा उमंगों को जगाती है
तो अपनी ज़िंदगी को मौत के पहलू में पाता हूँ

%[Kvaabidaa = sleepy/sleeping]

मैं शायर हूँ मुझे फ़ितरत के नज़्ज़ारों से उल्फ़त है
मेरा दिल दुश्मन-ए-नग़्मा-सराई हो नहीं सकता

%[dushman-e-naGmaa-saraa_ii = enemy of/against singing]

मुझे इन्सानियत का दर्द भी बख़्शा है क़ुदरत ने
मेरा मक़सद फ़क़त शोला नवाई हो नहीं सकता

%[faqat = merely; sholaa_nava_ii = raining/pouring fire]

जवाँ हूँ मैं जवानी लग़्ज़िशों का एक तूफ़ाँ है
मेरी बातों में रंग-ए-पारसाई हो नहीं सकता

%[laGzish = stumble/falter; ra.ng-e-paarasaa_ii = colour of purity]

मेरे सरकश तरानों की हक़ीक़त है तो इतनी है
कि जब मैं देखता हूँ भूक के मारे किसानों को
ग़रीबों को, मुफ़्लिसों को, बेकसों को, बेसहारों को
सिसकती नाज़नीनों को, तड़पते नौजवानों को
हुकूमत के तशद्दुद को, अमारत के तकब्बुर को
किसी के चिथड़ों को और शहन्शाही ख़ज़ानों को

%[haqiiqat = reality; tashaddud = violence; amaarat = riches/wealth]
%[takabbur = pride/arrogance]

तो दिल ताब-ए-निशात-ए-बज़्म-ए-इश्रत ला नहीं सकता
मैं चाहूँ भी तो ख़्वाब-आवार तराने गा नहीं सकता

%[taab-e-nishaat-e-bazm-e-ishrat = enjoy the luxuries of a wealthy society]
%[Kvaab-aavaar = sleep-inducing]