% saif01.s isongs output
\stitle{qariib maut kha.Dii hai, zaraa Thahar jaao}
\singers{Saifuddin Saif #1}
क़रीब मौत खड़ी है, ज़रा ठहर जाओ
क़ज़ा से आंख लड़ी है, ज़रा ठहर जाओ
%[qazaa = death]
थकी थकी सी फ़ज़ाएँ, बुझे बुझे तारे
बड़ी उदास घड़ी है, ज़रा ठहर जाओ
नहीं उम्मीद कि हम आज की सहर देखें
ये रात हम पे कड़ी है, ज़रा ठहर जाओ
अभी न जाओ कि तारों का दिल धड़कता है
तमाम रात पड़ी है, ज़रा ठहर जाओ
फिर इस के बाद कभी हम न तुम को रोकेंगे
लबों पे साँस अड़ी है ज़रा ठहर जाओ
दम-ए-फ़िराक़ में जी भर के तुम को देख तो लूँ
ये फ़ैसले की घड़ी है, ज़रा ठहर जाओ
%[dam-e-firaaq = moment of separation]