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\stitle{jo guzarii mujh pe mat us se kaho huaa so huaa}
\singers{Mohammed Rafi Sauda #4}
जो गुज़री मुझ पे मत उस से कहो हुआ सो हुआ
बला, कि शान-ए-मुहब्बत में जो हुआ सो हुआ
मुबादा हो कोई ज़ालिम तेरा गिरेबाँगीर
मेरे लहू को तो दामन से धो हुआ सो हुआ
पहुँच चुका है सिर्र-ए-ज़ख़्म दिल तलक यारों
कोई सियो कोई मरहम करो हुआ सो हुआ
ये कौन हाल है अहवाल-ए-दिल पे ऐ आँखों
न फूट फूट के इतना बहो हुआ सो हुआ
दिया उसे दिल-ए-ज़ीस्त अब ये जान है "Sऔद"
फिर आगे देखिये जो हो सो हो, हुआ सो हुआ