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% sauda05.s isongs output
\stitle{dil mat Tapak aa.nkh se ki paayaa na jaayegaa}
\singers{Mohammed Rafi Sauda #5}



दिल मत टपक आंख से कि पाया न जायेगा
ज्यों अश्क फिर ज़मीं से उठाया न जायेगा

रुख़्सत है बाग़बाँ कि टुक एक देख ले चमन
जाते हैं वाँ जहाँ से फिर आया न जायेगा

तेग़-ए-जफ़ा-ए-यार से दिल सर न फेरियो
फिर मूँह वफ़ा को हम से दिखया न जायेगा

दामन-ए-दाग़-ए-तेग़ जो धोया तो क्या हुआ
आलम्के दिल से दाग़ हटाया न जायेगा

काबा अगर्चे टूटा तो क्या जा-ए-ग़म है शैख़
कुछ कस्र-ए-दिल नहीं कि बनाया न जायेगा

ज़ालिम मैं कह रहा था कि तू इस ख़ूँ से दर गुज़र
"Sऔद" का क़त्ल है ये छुपाया न जायेगा