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\stitle{dushman ko bhii siine se lagaanaa nahii.n bhuule}
\singers{Sagar Azmi}
दुश्मन को भी सीने से लगाना नहीं भूले
हम अपने बुज़ुर्गों का ज़माना नहीं भूले
तुम आँखों की बरसात बचाये हुये रखना
कुछ लोग अभी आग लगाना नहीं भूले
ये बात अलग हाथ कलम हो गये अपने
हम आप कि तस्वीर बनाना नहीं भूले
इक उम्र हुई मैं तो हँसी भूल चुका हूँ
तुम अब भी मेरे दिल को दुखना नहीं भूले