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\stitle{dil me.n ab dard-e-muhabbat ke sivaa kuchh bhii nahii.n}
\lyrics{Sahir Bhopali}
\singers{Sahir Bhopali}



दिल में अब दर्द-ए-मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं
ज़िंदगी मेरी इबादत के सिवा कुछ भी नहीं

मैं तेरी बरह-गह-ए-नाज़ में क्या पेश करूँ
मेरी झोली में मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं

अए ख़ुदा मुझसे ना ले मेरे गुनाहों का हिसाब
मेरे पास अश्क़-ए-नदामत के सिवा कुछ भी नहीं

वो तो मिट कर मुझ को मिल ही गयी राहत वरना
ज़िंदगी रन्ज-ओ-मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं