% seemab03.s isongs output
\stitle{nasiim-e-subah gulashan me.n gulo.n se khelatii hogii}
\singers{Seemab Akbarabadi #3}
नसीम-ए-सुबह गुलशन में गुलों से खेलती होगी
किसी की आख़िरी हिचकी किसी की दिल्लगी होगी
%[nasiim = breeze]
तुम्हें दानिस्ता महफ़िल में जो देखा हो तो मुजरिम हूँ
नज़र आख़िर नज़र है बे-इरादा उठ गई होगी
%[daanistaa = purposefully/knowingly]
मज़ा आ जायेगा महशर में कुछ सुनने सुनाने का
ज़ुबाँ होगी हमारी और कहानी आप की होगी
%[mahashar = day of judgement]
सर-ए-महफ़िल बता दूँगा सर-ए-महशर दिख दूँगा
हमारे साथ तुम होगे ये दुनिया देखती होगी
यही आलम रहा पर्दानशीनों का तो ज़ाहिर है
ख़ुदाई आप से होगी न हम से बंदगी होगी
%[zaahir = evident]
त'अज्जुब क्या लगी जो आग ऐ 'Sएएमब' सीने में
हज़ारों दिल मे. अँगारे भरे थे लग गई होगी