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% sehba03.s isongs output
\stitle{is duniyaa me.n sab hai.n akele}
\lyrics{Sehba Akhtar}
\singers{Sehba Akhtar}



इस दुनिया में सब हैं अकेले
कोई किसी का नहीं

कैसी मोहब्बत कसी वफ़ाएं कैसे प्यार के सपने
आज ख़यालों में भी नहीं हैं साथ जो थे कल अपने
झूठेए हैं सब जग के मेले
साया भी अपना नहीं

काग़ज़ की एक नाँव है जीवन कोई नहीं है माँझी
बीच भवर में कौन बना है डूबते मन का साथी
कहते हैं मौजों के रेले
कोई किनारा नहीं