% shad03.s isongs output
\stitle{ai shab-e-Gam ham hai.n aur baate.n dil-e-naakaam se}
\singers{Shad Azeemabadi #3}
ऐ शब-ए-ग़म हम हैं और बातें दिल-ए-नाकाम से
सोते हैं नाम-ए-ख़ुदा सब अपने घर आराम से
जागने वालों पे क्या गुज़री वो जानें क्या भला
सो रहे हैं जा के बिस्तर पर जो अपने शान से
जीते जी हम तो ग़म-ए-फ़र्दा की धुन में मर गये
कुछ वही अच्चे हैं जो वाक़िफ़ नहीं अंजाम से
%[fardaa = tomorrow (future); vaaqif = acquainted]
नाला करने के लिये भी ताब-ए-ख़ुश दरकार है
क्या बाताऊँ दिल हटा जाता है क्यों इस काम से
%[naalaa = wail; taab-e-Kush = good mood; darakaar = required]
देखते हो मैकदे में मैकशो साक़ी बग़ैर
किस क़िस्म की बेकसी पैदा है शक़्ल-ए-जाम से
%[qism = type; bekasii = helplessness]